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यह घटना सेवरी इलाके में हुई। इसके पास कुछ रिहाइशी इमारतें और कॉलेज

यह घटना सेवरी इलाके में हुई। इसके पास कुछ रिहाइशी इमारतें और कॉलेज स्थित है। इस घटना के बाद हानिकारक वस्तुओं के डिस्पोजल में बरती जाने वाली लापरवाही का मामला फिर उठ खड़ा हुआ है। पुलिस ने बताया कि प्रभावित लोगों को किंग एडवर्ड हॉस्पिटल, जे. जे. हॉस्पिटल और बीपीटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। बीमार लोगों में कॉलेज के स्टूडेंट, बीपीटी स्टाफ और फायरब्रिगेडकर्मी शामिल हैं। कुछ लोगों को इलाज के बाद घर जाने दिया।

बीपीटी, पुलिस और बीएमसी मिलकर इस हादसे की जांच कर रहे हैं। शिपिंग मिनिस्ट्री ने पोर्ट ट्रस्ट के अधिकारियों से मामले का विस्तृत ब्यौरा मांगा है। जे. जे. हॉस्पिटल के डीन ने बताया कि आठ लोगों को सांस में समस्या की वजह से क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती कराया गया है। क्लोरीन गैस को सांस के साथ भीतर लेने की वजह से मरीजों की सांस फूल रही है। उनके चेहरे, हाथों और आंखों में जलन की समस्या हो रही है।

फायरब्रिगेड के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह 3:15 पर लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज ऑफ मैरीटाइम ऐंड रिसर्च स्टडीज के पास स्थित बीपीटी परिसर में गैस लीक हुई। फायरब्रिगेड के पांच अधिकारी फौरन लीक को रोकने मौके पर पहुंचे। इनमें से 4 गैस के असर से बीमार हो गए, उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल में पहुंचाया गया।

मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के चेयरमैन राहुल अस्थाना का कहना था कि कुछ ऑपरेटर इस साइट का इस्तेमाल आयात किए हुए क्लोरीन के खाली सिलिंडरों में गैस भरने के लिए करते थे। लगता है कि कुछ क्लोरीन गैस रह गई होगी और वातावरण में लीक हो गई होगी। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। हमने प्रभावित जगह पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड डाल दिया है।

आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, बीपीटी के हे बंदरगाह पर 136 सिलिंडर कई साल से पडे़ हुए थे। इनमें से एक में से गैस लीक हो गई। इन सिलिंडरों को 1997 में आयात किया गया था पर इनका ऑर्डर देने वाले इन्हें लेने नहीं आए।

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